एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक चीन के वुहान (Wuhan) में सबसे ज्यादा कोरोनावायरस (Coronavirus) ने इस ब्लड ग्रुप (blood type) के लोगों की ली जान…
कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के बीच में एक रिसर्च में दावा किया गया है कि ए (A) ब्लड ग्रुप (A Blood Group)वालों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। शोध में यह चौंका देने वाला खुलासा हुआ है कि ए ब्लड ग्रुप (A blood type)वाले व्यक्तियों को कोविड-19 (COVID-19) से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.)
कोरोना वायरस coronavirus के बढ़ते प्रकोप के बीच में एक चौंका देने वाली रिसर्च सामने आई है। रिसर्च में दावा किया गया है कि ‘ए (A) ब्लड ग्रुप’ (blood type) वालों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। चीन के वुहान (Wuhan) से फैलना शुरू हुए कोरोना वायरस (Coronavirus) की जद में अब तक दुनिया भर के 1,98,521 लोग आ चुके हैं. इनमें 7,988 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 82,763 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं. और भारत में अबतक 3 लोगों की मौत हो गई है और कोविड-19 covid – 19 से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़कर 148 हो गई है।

ऐसे ही एक अध्ययन में चीन के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि किस ब्लड ग्रुप (Blood Type) के लोगों पर कोरोना वायरस (Coronavirus) का कितना असर पड़ेगा. आसान शब्दों में समझें तो उन्होंने पता लगाया कि किस ब्लड ग्रुप (Blood Group) के लोगों को कोरोना वायरस से कितना खतरा है.
A Blood Group ‘ए- ब्लड ग्रुप’ A Blood Type वालों को ज्यादा खतरा
चीन के हुबेई प्रांत के झोंगनान अस्पताल के शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना वायरस Coronavirus के संक्रमण होने की संभावना ‘ए ब्लड ग्रुप’ A Blood Group वालों व्यक्तियों को कोविड-19 (COVID-19) से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। जबकि ‘ओ (O) ब्लड ग्रुप’ O Blood group वाले इसके प्रतिरोधी हो सकते हैं। रिसर्च में सामने आया कि मरने वाले ज्यादातर लोग ‘ए ब्लड ग्रुप’ (A Blood Type) वाले व्यक्ति थे। जबकि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप (O Blood Type) के लोगों के संक्रमित होने का जोखिम सबसे कम है. हालांकि, ऐसा बिलकुल नहीं है कि उन्हें संक्रमण नहीं हो सकता है. वे भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं. लिहाजा, उन्हें भी बार-बार हाथ धोने समेत बचाव के तमाम उपाय करने ही चाहिए।

शोधकर्ताओं ने वुहान और शेनजेन (Shenzhen) के 2,000 से ज्यादा मरीजों पर किए गए शुरुआती अध्ययन में ये निष्कर्ष निकाला है. शोधकर्ताओं (Researchers) का कहना है कि ‘ए’ ब्लड ग्रुप के लोगों के संक्रमित होने पर हालात गंभीर (High Risk) होने की आशंका सबसे ज्यादा है. साथ ही उनके संक्रमित होने की दर भी अधिक है.
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डॉक्टर्स ‘ए’ ब्लड ग्रुप (A Blood Group) के मरीजों का सबसे पहले करें उपचार
चीन (China) में किए गए इस शोध का नेतृत्व करने वाले वांग शिन्जुआन का कहना है कि ब्ल्ड ग्रुप (blood type) और कोरोना वायरस (Coronavirus) के असर के बीच संबंध में स्पष्टता आने पर खास ब्लड ग्रुप (blood type) के लोग भी ज्यादा सावधानी बरतने लगेंगे. इससे संक्रमण फैलने की रफ्तार पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा. वांग ने शोधपत्र (Research Paper) में लिखा है कि अभी तक के अध्ययन के मुताबिक ‘ए’ ब्लड ग्रुप (A Blood Group) के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर उपचार उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

Medrxiv.org में प्रकाशित रिसर्च पेपर के मुताबिक, इसके उलट ‘ओ’ ब्लड ग्रुप (O Blood group) के लोगों में संक्रमण के गंभीर स्थिति (Critical Condition) में पहुंचने की दर काफी कम है. फिर भी इस ब्लड ग्रुप (Blood Type)के लोगों में भी संक्रमण होने पर तुरंत इलाज की दरकार है ताकि वे दूसरे लोगों में संक्रमण न फैला सकें.
शोध में शामिल मरने वालों में 63 फीसदी ‘ए’ ब्लड ग्रुप के हैं
अध्ययन में पता चला है कि शोध में शामिल कोरोना वायरस के मरीजों में मरने वाले 206 लोगों में से 85 का (A Blood Type)ब्लड ग्रुप ‘ए’ ही था, जो कुल मरने वालों का 63 फीसदी है. वहीं, मृतकों में 52 मरीज ‘ओ’ ब्लड ग्रुप के हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, मरने वालों में हर उम्र के पुरुष व महिला शामिल हैं. ये अध्ययन बीजिंग (Beijing), वुहान (Wuhan), शंघाई (Shanghai) और शेनजेन (Shenzhen) के वैज्ञानिक व डॉक्टरों ने किया.
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इस अध्ययन के शोधपत्र में वांग ने चीन में इलाज की मौजूदा पद्धति (Clinical Practice) के बारे में भी दिशानिर्देश दिए हैं. तियानजिन में सरकारी लैबोरेटरी ऑफ एक्सपेरिमेंटल हैमाटोलॉजी में एक शोधकर्ता गाव यिंगदाई ने कहा कि सैंपल साइज (Sample Size) बढ़ाए जाने पर ज्यादा स्पष्ट नतीजे हासिल होंगे. बता दें कि यिंगदाई शोध में शामिल नहीं थे.
न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार
न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार वुहान से बाहर स्थित सेंटर फॉर एविडेंस-बेस्ड एंड ट्रांसलेशनल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने लिखा “इस रक्त समूह के लोगों को संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए विशेष रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है.” कहा गया है की “यदि आप टाइप ए हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप 100 प्रतिशत संक्रमित होंगे, यदि आप टाइप ओ हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बिल्कुल सुरक्षित हैं. आपको अपने हाथों को धोने और अधिकारियों द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है.”
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